क्रिकेट के पुराने दीवाने आज भी विनीत गर्ग की आवाज़ और उनकी कॉमेंट्री के अंदाज़ पर जान छिड़कते हैं. विनीत जी आकाशवाणी के ज़रिये कई दशकों से क्रिकेट के खेल का आंखोंदेखा हाल सुनाते आए हैं. कुछ तो बात है उनकी कॉमेंट्री में कि एकबार कानों में पड़ जाए तो खेल के आनंद को चार गुना बढ़ा देते हैं. तो 'बल्लाबोल' के इस बेहद ख़ास एपिसोड में हमने आवाज़ दी दिग्गज कॉमेंटेटर विनीत गर्ग को. इस दौरान उन्होंने कॉमेंट्री के शुरुआती दिनों के बड़े मज़ेदार क़िस्से सुनाए. किसने उन्हें मौक़ा दिया, पहली ही कॉमेंट्री के लिए दिल्ली आने से पहले उनके हाथ-पांव क्यों फूल गए थे? उन दिनों अंपायरिंग में बेईमानी कैसे होती थी और अंपायरों के फैसले भारत के ख़िलाफ़ कैसे जाते थे? क्रिकेट में नए नए आए सचिन तेंदुलकर को लिफ़्ट में उन्होंने क्या सलाह दी, ब्रायन लारा ने मैदान पर दबंगई दिखाने की कोशिश क्यों की, इंडियन कोच जॉन राइट ने कैसे उनकी फिरकी ली थी, इमरान ख़ान विनीत गर्ग से ख़फ़ा क्यों हो गए थे, पाक़िस्तान में कम्युनिकेशन सिस्टम फ़ेल होने पर उन्होंने कैसे कॉमेंट्री की, उनके कॉमेंट्री करियर के बेस्ट मोमेंट्स कौन से हैं और भी बहुत कुछ सुनिए कुमार केशव के साथ. कुछ पूछना रह गया तो कमेंट बॉक्स में बताइये और इस वीडियो को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर कीजिए.
साउंड मिक्सिंग: रोहन भारती
Published on 3 weeks, 6 days ago
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